सोमवार, 13 जनवरी 2020

गढभाषा मा लिखदा राउमावि0पालाकुराली रूद्रप्रयाग का नानतिन


 
 राउमावि पाला कुराली मा सन 2016 मा  गढभाषा तै फैलास द्योणो अश्विनी गौड 'दानकोट',  जु राउमावि पाला कुराली जखोली
का विज्ञाना अध्यापक छन , तौंन मोबाइल लाइब्रेरी की स्थापना करी जैमा नै पुराणा साहित्यकारों की पोथी साहित्य बच्चों तक पहुँचाई अर भौत सारी लिखण पढण की कार्यशाला आयोजित करिन। ये से ननतिनो मा लिखण-पढ्न कि रूचि पैदा हवे | ननतिनोन भी कलम चलौण शुरु करि |
ल्यावा  बणांग जन गंभीर संवेदनशील विषय पर ननतिनो कि कवितों कि  देखा झलक---'----- 1
---बणांग---
जंगल मा
 
हम लोखुन
 
लगेलि आग,
अर जानवर ऐगिन
 
गौं मा,
अरे!
 
लोग अब पछतांणा
क्वे अरे रामः ब्वन्ना !
कनुके रौला
'
मनखि'
अर
 
भैसा-ग्वोरु बाखरा, सारी
यख त
बाघे डौर हव्ई भारी।
---अंकुश राणा राउमावि पाला कुराली कक्षा-7----
--2--
--
बण अर आग---
मेरा पहाडे डांडी कांठी
दिखैंदि छे, कन हरी-भरी
आग लगौंदा मनख्यूं
यन अन्याय क्यैक करीऽ।
हरी-भरी डाळी छे
ठंडु-ठंडु पाणी छो
बण फुक्येलो
त पाणी सूखुलू।
क्या मिलि तौ
 
बण जगैक
पाणी हवा सि द्येण
लग्या छा,
गौडी-धौंन काखड, बांदर,
तौंकु घास फल,
खांणा छा,
बण फूकी
सि बिचारा
भूखन फुक्योंणा
तुम क्या पता
सि कनुके रौणा !
आग लगोंदा मनख्यूं
यन किले नि सोची?
प्वथली रिख-बाघ
कतिग्यों कि छे यख आस
तौंकु घौर बण फुक्येलो
त!
हमारे गौं मा त होंण
तौंकु वास।
अम्बिका राणा   कक्षा -9
राउमावि पाला कुराली रूद्रप्रयाग
3----
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कबळाट---
ळोखुन बौंण फूकी
पुंगडि बणांई
अर तथ्या  खांणू  नि पाई
जथ्या हर्याळि निपटाई।
पर ये बौंणन
कति जीवूं तै
खांणू पुगाई।
हमुन बौंण
फूकी
अपड्वे भविष्य बिगाड़ी।
बणुमां आग लगैन,
जानवर छोडी जंगल,
मनख्यूं कि तरफ ऐन।
बौंण आग लगे
अब पछतांणा
बोला दूं
गौडी-भैस्यूं
क्या खिलांणा।
तुम बणांग बणों नी लगौंणा
आस औलाद फूकणां छिन
तुमतै त लाखडा, फल सब मिलि
पर अगने नी द्योखणा छिन।
लोखुन बौंण  बचाईं
अर
त्वेन आग लगाई
सचि बोल त्वेतै क्या
जरा भि दया नि आई?
सूखिग्ये पाणी -घास
मरिग्ये तेरी आस
धुंआ मा कबळाणा छिन
समाचारोंमा पछतांणा छिन।
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अपेक्षा राणा-कक्षा 8
राउमावि पाला कुराली जखोली रूद्रप्रयाग

4----
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बणांग------
हमुन बणूं आग लगाई
अपडि ज्यूंणै आस बुझाई
जबार बै बणों आग लगाई
बांदर सुंगूर गौं -सैरों मा आई
बणों भयंकर बणांग लगेली
बीमार्युन सरीलो सत्यनाश हवेगी
बण छोय्या पाणी बुसिग्ये
पाणी-पाणी हल्ला मचिग्ये
हमारा पुरखोंन बण हमुतै त बचाईं
अर
आग लगोंण मा
तुमुतै सरम भी नि आई।
भला भग्यान होला,
जौंन बौंण बचाईं
सैत्यूं पाळयूं त्वेन,
स्वे बौंण जगाईं।
------खुशी राणा, कक्षा  8
राउमावि पाला कुराली जखोली रूद्रप्रयाग
5----
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डाळा ना काटा----
पेड लगा,
धरती बचा,
डाळा ना काटा
प्रकृति कु ना करा अपमान
पेड लगे करा सम्मान
तबे होलु जीवन महान
बची रोली हमारी शान,
पेड लगा,
धरती बचा,
डाळा ना काटा
जब तक छिन पेड
तबारि तक भितर-भेर!
क्या तुम, क्या हम,
 
क्या जंगल कु राजा शेर?
पेड लगा,
धरती बचा,
डाळा ना काटा-----
तडतडा घाम मा
डाळो छैल
मिललू तबे जब
डाळा रोला,
पेड लगा,
धरती बचा,
डाळा ना काटा------
----मनीष मेहरा, राउमावि पाला कुराली, कक्षा-10




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