मंगलवार, 5 जुलाई 2022

कुछ बातें , कुछ यादें 33

 





मैं और लियोटॉस्टॉय की कहानियां

   प्रत्येक पुस्तक या रचना के सृजन के पीछे कोई न कोई प्रेरक घटना अवश्य होती है। वर्ष 2020 में मेरी लियोटॉल्स्टाय की अंग्रेजी में उपलब्ध 16 कहानियों के गढ़वाली अनुवाद पर आधारित पुस्तक ‘ छै फुटै जमीन‘ प्रकाशित हुई थी। इस पुस्तक के सृजन के पीछे तब की प्रेरणा थी जब मैं कक्षा 7 का विद्यार्थी था। तब मेरे पिताजी अंग्रेजी पढ़ाते थे। एक दिन पिताजी ने मुझे अंग्रेजी में प्रकाशित एक कहानी ‘पिलिग्रिमेज‘ पढ़ने को दी। कुछ समय बाद मुझे हिन्दी की पाठ्यपुस्तक ‘नवभारती‘ में ‘सच्चा तीर्थयात्री‘ नाम से यही कहानी पढ़ने को मिली थी । मुझे यह कहानी बहुत अच्छी लगी थी ।  इसके बाद हमारी अंग्रेजी की पाठ्यपुस्तक में एक कहानी मैंने और पढ़ी थी। इस कहानी में दो बच्चे एक छोटी सी बात पर लड़ते हैं। उन बच्चों की लड़ाई होते देख उनके अभिभावक आपस में लड़ पड़ते हैं। बड़े लोगों की लड़ाई चलती ही रहती है कि इसी बीच उन्हें वे ही दो बच्चे एक दूसरे से बड़े प्रेम से मिलते हुए दिखाई देते हैं। इसी तरह मुझे एक किसान की कहानी किसी पत्रिका में पढ़ने को मिली। इस कहानी में एक किसान से जमीन बेचने वाला शर्त रखता है कि सूर्याेदय से सूर्यास्त तक वह एक दिन में जमीन के जितने भाग का चक्कर लगाएगा   उतनी जमीन किसान की हो जाएगी।  किसान को जहां से चलना शुरू किया वहीं पर सूर्यास्त होने से पहले पहुंचना होगा। किसान जमीन के एक छोर से घूमना शुरू करता है। उसका लालच बढ़ता जाता है। वह दौड़कर अधिकतम भूमि को पाना चाहता है। सूर्यास्त तक वह लक्ष्य बिन्दु तक पहुंचता तो है किन्तु उसका शरीर साथ नहीं देता है। उसके हिस्से आती है बस छह फुट की जमीन वह भी मरने के बाद। ज्ञात हुआ कि महात्मा गंाधी को भी यह कहानी बहुत पसंद थी।

   एक कहानी प्रेमचन्द द्वारा अनूदित ‘क्षमादान‘ भी मैंने किसी पत्रिका में पढ़ी थी। इस कहानी में एक निरपराध व्यापारी को किसी की हत्या के अभियोग में जेल भेजा जाता है। कई वर्षों के बाद अपराधी आत्मसमर्पण करता है। जेल से उस व्यापारी को छोड़ने की तैयारी होती है तब तक वह ईश्वर को प्यारा हो जाता है।

  बाद में मुझे ज्ञात हुआ कि मैंने ये जो भी कहानियां पढ़ी हैं, इन सबका रचनाकार एक ही व्यक्ति है। उस व्यक्ति का नाम है लियोटॉल्स्टाय। तब मैंने लियोटॉल्स्टाय के कृतित्व और जीवन के बारे में विस्तार से अध्ययन किया।  

 कक्षा 7 से उपजी मेरे मन की प्रेरणा  ने वर्ष 2020 में साकार रूप लिया जब मैंने लियोटॉस्टाय की अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध सोलह कहानियों का गढ़वाली में ‘छै फुटै जमीन‘ नाम से अनुवाद किया। इन कहानियों में से ‘लौस्ट अपोरचुनिटी‘, ‘हाउ मच लैण्ड डज ए मैन नीड‘, ‘द हर्मिटेज‘, ‘द ग्रेन‘, एल्योशा द पौट, व्हैर लव इज गॉड इज‘ आदि प्रमुख कहानियां हैं। इन कहानियों के पात्रों के नामों में गढ़वाल के सामाजिक परिवेश को ध्यान में रखते हुए परिवर्तन किया गया और इन कहानियों के अंग्रेजी वाक्यांशों का गढ़वाली भाषा की लोकोक्तियों और मुहावरों का प्रयोग करते हुए रूपांतरण किया गया। 

 3 जनवरी 2017 को पिताजी  ने इस संसार से विदा ली थी। पिताजी की यादों और प्रेरणा को  समर्पित  यह पुस्तक 2020 में प्रकाशित  हो पाई ।



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें