रविवार, 23 दिसंबर 2018

लोहाघाट में स्थित कथित भूतों का बंगला











एबट माउंट (लोहाघाट )में स्थित कथित भूतों का बंगला
भूतों के बंगले के नाम से जाना जाने वाला यह बंगला उत्तराखण्ड के लोहाघाट कस्बे में स्थित है | इस बंगले को सन १९०० के आस –पास ब्रिटिश डॉ० एबे ने बनाया था | बाद में इस बंगले को एक अस्पताल का रूप दिया गया | यह माना जाता है कि यहाँ रात के समय भूतों की छाया दिखाई देती है | इस अस्पताल में चिकित्सा की जिम्मेदारी ब्रिटिश डाक्टर  मोरिस  को सौंपी गई थी | उस जमाने में अस्पतालों की संख्या कम थी | इसलिए इस अस्पताल की महत्ता और भी बढ़ गई थी | डाक्टर मोरिस अपने पास पराशक्तियों के होने का दावा करता था | वह अस्पताल में आये मरीजों  की नब्ज देखकर उनकी मौत की तिथि बता देता था | यह तिथि सच साबित होती थी | इसलिए मरीजों के  बीच  वह भगवान  माना जाने लगा | लोगों को डॉ मोरिस द्वारा की गई भविष्यवाणियों पर आश्चर्य होता था | बाद में लोगों को पता चला कि डॉ मोरिस असाध्य रोगियों को अस्पताल की अन्य कोठरी में शिफ्ट कर देता था | इसे मुक्ति कोठरी का नाम दिया गया था | वहाँ वह मरीजों को अपनी दवाइयों और चिकित्सा के प्रयोगों द्वारा जीवन और मौत के बीच की अवस्था में पहुंचा  देता था | इस अवस्था में मरीज की नब्ज बंद हो जाती थी किन्तु वह अपने अनुभवों को बता पाते थे | इस प्रकार इन मरीजों पर डॉ मोरिस अपनी रिसर्च और प्रयोग करता था | इन  रिसर्च और प्रयोगों के द्वारा वह मृत्यु के रहस्यों को समझने का प्रयास करता था | यह माना जाता था कि मुक्ति कोठरी में पंहुंचने वाला व्यक्ति आत्मिक शान्ति की अवस्था को प्राप्त कर लेता था | शायद इसलिये यहाँ मौजूद चर्च के बाहर एक बोर्ड लगाया गया है | इसमें आत्मिक शान्ति और भूत –प्रेत सम्बन्धी बाधाओं से मुक्ति की बात लिखी गई है | विभिन्न टी वी चैनलों द्वारा उच्च क्षमता के सेंसरों द्वारा इस चर्च के पास नकारात्मक ऊर्जा की उपस्थिति की बात दिखाई गई है | इस चर्च की खिडकियों से अन्दर झाँकने पर पता चलता है कि यहाँ अन्दर कुछ बेंचें पड़ी हुई हैं | अन्दर मकडी के जाले लगे हुए हैं | इस चर्च के समीप एक कब्रिस्तान है जिसमे लगभग १५ से २० की संख्या में कब्र हैं और कुछ कब्रें टूटी फूटी अवस्था में हैं | वहाँ उपस्थित एक कब्र पर वर्ष १९५९ अंकित है | शायद यह डॉ मोरिस के किसी परिवारीजन की हो सकती है | यह माना जाता है कि यहाँ उन्हीं मरीजों की आत्माएं समय – समय पर अपनी उपस्थिति देती रहती हैं | इस बंगले के बारे में कई टीवी चैनलों ने कार्यक्रम दिए हैं | इसी कहानी पर जी टी वी से फियर एंड फाईल्स का  एपिसोड भी जारी हुआ है | कभी अस्पताल के रूप में प्रयोग में लाई गई यह कोठी आज बंद और वीरान पडी है | अब तो यह प्राइवेट प्रोपर्टी के रूप में खरीदी हुई बताई जाती है |
 इस अस्पताल के बारे में सुने गए किस्से – कहानियों से मन में इस स्थान को देखने की बड़ी इच्छा  थी | यह स्थान प्रकृति की सुरम्य स्थली में है | यहाँ से बर्फों से लदी  पर्वत श्रृंखलाएं सामने दिखाई देती हैं | प्राकृतिक सुन्दरता को देखते हुए यहाँ इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए लकड़ी के कोटेज तैयार किये जा  रहे हैं | इसके कारण भविष्य में यहाँ पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिल सकता है | यह स्थान मनमोहक है और यहाँ बहुत देर रुकने का मन कर रहा था | यहाँ भय जैसी कोई अनुभूति नहीं हुई |  यहाँ के कुछ लोगों का कहना था कि मोरिस की कहानी गडी गढ़ाई है जो कोरी गप है |